कुछ तो ख़याल होगा तुझे मेरी मोहब्बत का,
अगर नही तो मेरे नाम का एक दिया ही जला दे.
कुछ तो ख़याल होगा तुझे मेरी आदत का,
अगर नही तो अपने चेहरे से परदा ही हटा दे.
कुछ तो ख़याल होगा तुझे मेरी शोहरत का,
अगर नही तो दुनिया को हमारे फसाने ही सुना दे,
कुछ तो ख़याल होगा तुझे मेरी तड़प का,
अगर नही तो फिर से मुझे अपना ही बना ले,
नीतीश
1 Comments
सुंदर प्रस्तुति...
ReplyDeleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।