बिखर रहा है ज़माना,
रो रहा है मेरा प्यार,
उजड़ रही है खुशियाँ,
हँस रहा है अंधकार.
हर तस्वीर हुई धुँधली,
हर तकदीर हुई पुरानी,
दास्तान हुई और लंबी,
अब नही बची मेरी कहानी.
भटक रहा हूँ राहों मे,
ना जाने कैसा अंज़ाम था,
तड़प रहा हूँ हर साँसों मे,
ना जाने ये किसका गुलाम था.
सुलग उठी है चिंगारी,
मचल रहे हैं अरमान,
कह रही है धड़कन,
ये तो बस है इम्तिहान.
प्यार के साथ
आपका नीतीश
4 Comments
पूरी ज़िन्दगी ही एक इम्तिहान है.....कभी पास कभी फेल....
ReplyDeleteलिखते रहिये...शुभकामनाएं.
अनु
thank you so very much annu ji..
Deleteदर्द को बखूबी बयां किया है आपने |
ReplyDeletekya bataye sir ji ye sab to bas iss bedard jindgi ke jajbat hain jo ungliyun pe aa jate hain aur likh deta hoon..
Deletethnks a lot for your appriciation.
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