कुछ अल्फ़ाज़ लिखूँ,
कुछ ज़ज़्बात लिखूँ,
ना जाने क्या ख्वाब लिखूँ।
अपने आँसू लिखूँ,
अपनी खुशी लिखूँ,
ना जाने क्या हालात लिखूँ।
तेरी वफ़ा लिखूँ ,
तेरी जफ़ा लिखूँ ,
ना जाने क्या सौगात लिखूँ।
कभी पतझड़ लिखूँ ,
कभी सावन लिखूँ ,
ना जाने क्या मौसम लिखूँ।
कभी तुझे लिखूँ ,
कभी उसे लिखूँ ,
न जाने मैं किस किसको लिखूँ।
©नीतिश तिवारी।
8 Comments
bohot khub,,
ReplyDeletehi nice poem
ReplyDeletethanks for ur comment on my blog
I am following ur blog via gfc
hope u follow back
http://vanduchoudhary.blogspot.in/
thank you so very much for your appriciation...
Deleteमंगलवार 12/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteआप भी एक नज़र देखें
धन्यवाद .... आभार ....
कभी खुद को कभी हालत लिखूं
ReplyDeleteरात के माथे पे क्या बात लिखूं
जख्म ज़माने ने हजारों दिए हैं
किस किस कहूँ क्या बात लिखूं
मधु "मुस्कान "
धन्यवाद।
Deletesundar prastuti karan .
ReplyDeleteaap sabhi ka bahut bahut dhanywad..
ReplyDeleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।