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आज फिर आया है मौसम प्यार का,
ना जाने कब होगा दीदार चाँद का,
पिया मिलन की रात है ऐसी आयी ,
आज फिर से निखरेगा रूप मेरे यार का।
दिल मेरा फिर से तेरा प्यार माँगे ,
प्यासे नयना फिर से तेरा दीदार माँगे ,
प्रेम,स्नेह से प्रकाशित हो दुनिया मेरी ,
ऐसा साथी पूरा जग संसार माँगे।
©नीतिश तिवारी।
10 Comments
सुंदर...
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद सर.
Deleteआपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल गुरुवार (24-10-2013) को "ब्लॉग प्रसारण : अंक 155" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है.
ReplyDeleteमेरी रचना को सराहने के लिए आपका आभार ..आगे भी आपका सहयोग अपेक्षित रहेगा.
Deleteधन्यवाद.
आपका यह ब्लॉग इस ब्लॉग संकलन पर शामिल किया गया है। एक बार यहाँ भी आयें और अवलोकन करें, धन्यबाद।
ReplyDeleteब्लॉग कलश
जी जरूर।
Deleteशुभ संध्या
ReplyDeleteअच्छी रचनाएँ
सादर
शुभ संध्या यशोदा जी.
Deleteमेरी रचना सराहने के लिए धन्यवाद.
सुन्दर भाव
ReplyDeleteआपका आभार
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।