गरजते हुए बादल से है धरती को एक आस,
कि कब जाकर बुझेगी एक दिन मेरी प्यास,
हर किसी के लिए वो लम्हा बन जाता है ख़ास,
जब प्यार से कोई गले लगता है आकर पास,
यही तो है आख़िर जीवन का सच्चा विश्वास,
जब कोई हमसफ़र हो हर पल साथ साथ.
छूटी दिल की लगी बिछड़ा मेरा यार,
उम्मीद के दामन से दूर हुआ मेरा प्यार,
ना जाने क्या खता थी किया उसने इनकार,
फ़ना हो जाते प्यार में अगर वो कर देते इज़हार.
उम्मीद के दामन से दूर हुआ मेरा प्यार,
ना जाने क्या खता थी किया उसने इनकार,
फ़ना हो जाते प्यार में अगर वो कर देते इज़हार.
उसकी खामोशी ने इज़हार ना करने दिया,
और लोग हमें आज भी बेवफा समझते हैं.
और लोग हमें आज भी बेवफा समझते हैं.
इनकार करते या इज़हार करते,
ना जाने हम तुमसे कैसे प्यार करते,
ना जाने हम तुमसे कैसे प्यार करते,
चाँद को देखते या सितारों की बात करते,
ना जाने हम कैसे कैसे ख्वाब देखते.
ना जाने हम कैसे कैसे ख्वाब देखते.
आँखे मिलाके पलकें झुकना इश्क है,
राह चलते चलते पीछे मुड़ जाना इश्क है,
यूँ तो है ज़िंदगी का हर नगमा इश्क मगर,
किसी के आँसू को होठों से लगाना इश्क है.
राह चलते चलते पीछे मुड़ जाना इश्क है,
यूँ तो है ज़िंदगी का हर नगमा इश्क मगर,
किसी के आँसू को होठों से लगाना इश्क है.
मैं कोई राह चलता राहगीर नही,
जो सिर्फ़ मंज़िल की तलाश में रहूँगा,
मैं तो आसमान का वो तारा हूँ,
जो हर सफ़र में मौजों के साथ रहूँगा.
जो सिर्फ़ मंज़िल की तलाश में रहूँगा,
मैं तो आसमान का वो तारा हूँ,
जो हर सफ़र में मौजों के साथ रहूँगा.
जनाब शायरी कम कीजिए,
आजकल मोहब्बत नही हो रही है,
अब इस नफ़रत को रहने दीजिए,
दुकान हमारी नही चल रही है.
आजकल मोहब्बत नही हो रही है,
अब इस नफ़रत को रहने दीजिए,
दुकान हमारी नही चल रही है.
0 Comments
पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।