उसे अपनी शायरी में वजन लाना था, इसलिए उस बेवफा ने हमें सरेआम कर दिया, लोग पूछते रहते थे मोहब्बत की दास्तान, आज मेरी मोहब्बत को उसने नीलाम कर दिया. इसे बेबसी कहें या कहें कोई सितम, मैने अपना घर बार भी उसके नाम कर दिया, और सारे शहर में चर्चा है हमारी, इस कदर उसने हमें बदनाम कर दिया. नीतीश तिवारी
2 Comments
बहुत सही लिखा है आप ने......दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
ReplyDeleteRecent Post शब्दों की मुस्कराहट पर ….... बारिश की वह बूँद:)
आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर
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