आ जाओ मेरे साथ,
अंधेरा रास्ता है तो क्या,
तुम्हारी चमक तो बरकरार है.
पता है?
मुझे जमाने से कभी,
शिकायत ना रही,
कि क्या मिला और क्या नही.
क्यूंकि मैं जनता हूँ,
कि मेरा रास्ता भी तुम हो ,
और मेरी मंज़िल भी तुम हो.
और इसलिए नही कि
तुम इतनी हसीन हो,
बल्कि इसलिए कि
तुम मेरे दिल की सुकून हो.
©नीतीश तिवारी
3 Comments
सुन्दर
ReplyDeleteशुक्रिया।
Deleteआपका धन्यवाद।
ReplyDeleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।