मत हो अपने लक्ष्य से अनजान,
कर दो अब ये नया आह्वान,
बहुत हुयी बेकारी की दास्तान,
अब ये बदल दो हिन्दुस्तान.
सुखदेव भगत सिंह राजगुरु का,
खाली ना जायेगा बलिदान,
चाणक्य विवेकानंद की धरती को,
फिर से फिर से बनायेंगे हम महान.
चाहे कितनी भी मुश्किल आ जाये,
हम छोड़कर ना भागेंगे मैदान,
कर दो सारी दुनिया में ये ऐलान,
अब ये बदल दो हिन्दुस्तान.
हमें कसम है गंगा मईया की,
कभी झुकने ना देंगे तिरंगे की शान,
दुनिया मत समझे हमें भोला और नादान,
नहीं तो कर देंगे सबको हैरान परेशान.
हम ऐसा सिस्टम लाएंगे,
जिसमे सबका होगा जन कल्याण,
सबके होठों पर होगी मुस्कान,
तभी तो भारत बनेगा महान.
ना आगाज़ की फ़िक्र ना अंजाम का डर ,
हम पास करेंगे सारे इम्तिहान,
दुनिया करेगी हमारा सम्मान,
अब ये बदल दो हिन्दुस्तान.
©नीतीश तिवारी
2 Comments
सुन्दर प्रेरक सृजन
ReplyDeleteधन्यवाद।
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