वो सपने मे आकर कहती है,"तुम इतना सपना क्यूँ देखते हो?" मैं सिर्फ़ इतना कह पता हूँ,"तुम जो हर रोज़ आती हो यहाँ." न जाने कौन सी कसक है तेरी यादों मे, जो मैं तुझे देखे बिना नही रह सकता. कोई खता हो जाए तो माफ़ कर देना मगर तुम्हारी खूबसूरती को बयान किए बिना नही रह सकता.
©नीतीश तिवारी
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वाह
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