रातें कटती अब नहीं,
दिन अब ढलता नहीं,
जब से देखा है तेरा चेहरा,
मेरा दिल अब मुझसे संभलता नहीं।
उलझनें अब हटती नहीं,
मंज़िलें अब रूकती नहीं,
जब से देखा है तेरा चेहरा,
धड़कनें अब बढ़ती नहीं।
पर्दा अब सरकता नहीं,
आशिक़ अब बहकता नहीं,
जब से देखा है तेरा चेहरा,
बारिश अब बरसता नहीं।
खुशबू अब महकती नहीं,
आरज़ू अब कोई जगती नहीं,
जब से देखा है तेरा चेहरा,
ज़िन्दगी अब ठहरती नहीं।
©नीतिश तिवारी।
9 Comments
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (26-12-2015) को "मीर जाफ़र की तलवार" (चर्चा अंक-2202) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका आभार।
Deletebahut sundr rachna
ReplyDeleteशुक्रिया देवेश।
Deleteबहुत सुन्दर ....गाना याद आ रहा है ...दिल क्या करे जब किसी को किसी से प्यार हो जाय ...
ReplyDeleteकविता जी मेरी रचना को सराहने के लिए आपका बहुत बहुत आभार।
Deleteकविता जी मेरी रचना को सराहने के लिए आपका बहुत बहुत आभार।
Deleteबेहतरीन रचना और उम्दा प्रस्तुति....
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।