Two line shayari मेरी हसरतों का हिसाब तुम क्या लगाओगे ऐ ज़ालिम, खयाल आते ही उसे पन्नों पर उतार देता हूँ। मेरी बदहाली में तो किसी ने साथ न…
Read moreरातें कटती अब नहीं, दिन अब ढलता नहीं, जब से देखा है तेरा चेहरा, मेरा दिल अब मुझसे संभलता नहीं। उलझनें अब हटती नहीं, मंज़िलें अब रूकत…
Read moreजब जब तेरे मुखर बिंदु से, मेरा नाम निकलता है, तब तब मेरे ह्रदय में, एक सैलाब उमड़ जाता है। जब जब तेरे होठों की लाली, चुपके से कुछ …
Read moreज़माने को आग लग जाए तेरे हुस्न की आँच से, कोई भी आशिक़ महरूम ना रहे तेरी मुलाक़ात से, मुहब्बत की अदायगी का तो पता नही मगर, हर कोई…
Read moreकितने अच्छे लग रहे हैं न ये बच्चे,हाथ में तिरंगा लिए हुए। आज मुझे इन बच्चों में अच्छाई इसलिए नज़र आ रही है कि इन्हे नहीं पता है कि धर्म,सम…
Read moreमैं जीत जाऊं या मैं हार जाऊं, बस ख्वाहिश यही है कि मैं दरिया ये पार जाऊं। मैं किसी के दिल में रहूँ या किसी की यादों में रहू…
Read moreमुझे मेरे महबूब से कभी इकरार ना मिला, दोस्ती तो बहुत मिली पर प्यार ना मिला। हम खरीद लेते पूरा जहान उसके खातिर, पर इस धरती पर…
Read moreEveryone is here wanna see you and I am also busy in watching you. Just because I feel that you are paragon of beauty,and you are,not because I f…
Read moreऐसा क्यूँ करती हो , तुम बार-बार, कि मेरी आँखों से पहुँच कर, मेरे दिल मे उतर जाती हो. और मैं फिर, एक द्वंद मे फँस जाता हूँ. …
Read moreफ़ुर्सत अगर होता तो हक़ीकत बयान करते, बातों से नही अपनी नगमों से दास्तान कहते, ज़िंदगी की इस भीड़ ने दो राहे पर खड़ा कर दिया वरना, मं…
Read moreबैठा रहा मैं एक किरदार सा बनके, उलझी हुई तस्वीर का आकार सा बनके, हमारी इबादत कभी मुकम्मल ना हुई, बीच भवंर मे फंस गये मझधार …
Read moreमत हो अपने लक्ष्य से अनजान, कर दो अब ये नया आह्वान, बहुत हुयी बेकारी की दास्तान, अब ये बदल दो हिन्दुस्तान. सुखदेव भगत सिंह राजगुरु…
Read moreआ जाओ मेरे साथ, अंधेरा रास्ता है तो क्या, तुम्हारी चमक तो बरकरार है. पता है? मुझे जमाने से कभी, शिकायत ना रही, कि क्या मिला और …
Read moreराहत क्यूँ नही देती हो मुझे , तुम अपने बार-बार के इस नखरे से, अपने होठों की हँसी से, अपने पलकों की नमी से, तुम्हारे इ…
Read moreवो खूबसूरत एहसास. जब समंदर के किनारे, लहरों से लहरें टकराती हैं, तब तेरे होने से मुझे, जीने की वजह नज़र आती है. वो खूबसूरत एहस…
Read moreMountain Dew का टैग लाइन है डर के आगे जीत है. मतलब इसको पीने से आप लाइफ में जीतेंगे ही जीतेंगे लेकिन कल अगर मैं इसे पी लेता तो जीतने की बात तो …
Read moreसारी कारीगरी खुदा ने तुम पर नेमत कर दी, और तुम्हारी शिकायत कि हर कोई तुम्हे देखता है. अपने होठों पर हँसी यू ही बनाए रखना, अपने दिल मे कोई…
Read moreवो सपने मे आकर कहती है,"तुम इतना सपना क्यूँ देखते हो?" मैं सिर्फ़ इतना कह पता हूँ,"तुम जो हर रोज़ आती हो यहाँ." न जा…
Read moreये परिंदे जो उड़ने को बेताब हैं, उनके ये पर तुम क्यूँ काटते हो. ये बच्चे जो एक-एक दाने को मोहताज़ है, उनके बीच ये जूठन क्यूँ बाँटते…
Read moreअभी रुको, तुम्हारी आँखें कुछ कह रही हैं, मुझे पढ़ने दो, इसमें छुपे हुए जज़्बात को। अभी रुको, इन ज़ुल्फ़ों को मत हटाओ, अपने चेहरे स…
Read moreअंज़ाम की फ़िक्र, आगाज़ का डर. कशमकश ज़िंदगी की, न इधर जाए न उधर. © नीतीश तिवारी
Read moreIt may be true, That I won't get you. But it's also true, That I love you. With the anger voice, For the other's choic…
Read moreसवाँरु तेरी पलकों से कोई ख्वाब मैं, अंधेरों में खो जाऊं बनके कोई जवाब मैं, गुज़ारा नही होता तेरी यादों के बिना, किस-किस तरह दूँ प…
Read moreयहाँ हर दिया बुझने पर मजबूर है, और तुम रौशनी की दरकार करते हो, खुदा के कैसे बंदे हो तुम जो, हर सहरी पर इफ्तार करते हो. वो वक़्त भी गु…
Read moreजब कभी दिल घबराए, जब कभी रोना आए, जब कभी नींद ना आए, तो माँ ही लोरी सुनाए. जगत का पालनहार है तू, सबके दिलों का प्यार है तू, स…
Read moreकि कोई आए तो आए कैसे, मुझको भाए तो भाए कैसे. अपना बनाए तो बनाए कैसे, हम दिल लुटाएं तो लुटाएं कैसे. कोई खुश्बू महकाय तो महकाय कैसे, …
Read moreढूँढ रहा था जिस पल को उसमे होकर लौटा हूँ, मैं मुसाफिर हूँ यारो सब कुछ खोकर लौटा हूँ, और तुम क्या जानोगे अदब मेरी दीवानगी का, उसके …
Read moreऐ खुदा कैसा वो मंज़र होगा, जब सारा समंदर बंज़र होगा, लोग तरसेंगे एक एक बूँद को, तब तू ही जहाँ का सिकंदर होगा. © नीतीश तिवारी
Read moreआसमाँ में तारे बहुत हैं, मेरे लिए सहारे बहुत हैं. तुझे क्या खबर ओ ज़ालिम, तेरी जुल्फों के नज़ारे बहुत हैं. © नीतीश तिवारी
Read moreअब और नहीं कर सकता मैं इंतज़ार, क्यूंकि मुझे हो गया है तुझसे प्यार, तुम भी आ जाओ कर लो इकरार, नहीं तो फिर से आ जायेगा वो इतवार। …
Read moreपत्ते बिखर गये हैं, आओ इनको समेट लें, हुनर निखर गये हैं, आओ इनको सहेज लें. रिश्ते बिगड़ गये हैं, आओं इनको बना लें. अपने बिछड़ …
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