तुझसे मिलने को जी भर के तैयारी कर ली हमने,
तुझसे इश्क़ करने की बीमारी कर ली हमने,
ये जानता था की कभी ना चुका पाउँगा तेरा कर्ज,
फिर भी मोहब्बत में क्यों उधारी कर ली हमने।
तेरे खयालों में हर बार खो जाने के बाद भी,
ना जाने कितनी रातें बिना सोये गुजारी हमने,
बरसों की ख्वाहिश अधूरी रही पर हौसला ना रुका,
सिर्फ तेरे खातिर बिना रोज़े के इफ्तारी कर ली हमने।
©नीतिश तिवारी।
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धन्यवाद सर।
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