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मोहब्बत का दीवाना।















चाहतों की दुनियाँ में मोहब्बत का दीवाना हूँ मैं,
इस जलती बस्ती में अकेला बचा आशियाना हूँ मैं,
तेरे दिल की दुनियाँ का सबसे कीमती खज़ाना हूँ मैं,
तुम जो कह ना पायी उन होठों का फ़साना हूँ मैं।

©नीतिश तिवारी।

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2 Comments

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (17-12-2016) को "जीने का नजरिया" (चर्चा अंक-2559) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बहुत खूब फ़साना है ये मुक्तक ... लाजवाब ...

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