कल रात मैंने सोंचा
तुम्हें अपनी शायरी में
लिख देता हूँ
पर जब लिखने बैठा
तुम तो ग़ज़ल बन गयी।
अपनी डायरी में
तुम्हारा नाम लिखते
वक़्त मैंने सोंचा
कि इतनी हसीन
क्यों हो तुम
मेरे दिल का सुकून
क्यों हो तुम।
फिर अचानक खयाल
आया कि तुम तो
वही हो जिसे
खुदा ने तराशने में
कोई कसर ना छोड़ा
तेरी सूरत और सीरत
दोनों को
लाजवाब बनाया है।
कि तुम अपनी
आँखों से किसी
का क़त्ल कर सको
फिर भी लोग
तुम्हें बेगुनाह कहेंगे।
और इसका कारण
सब जानते हैं
मैं भी तुम भी
कि तुम इतनी
हसीन जो हो।
©नीतीश तिवारी।
2 Comments
वाह सुन्दर
ReplyDeleteबहुत शुक्रिया सर।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।