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Romantic shayri.




























ये रौशनी और उनका दीदार,
ये बरसात और मौसम का खुमार,
मुझे तड़पाये उनके आने का इंतज़ार,
ना जाने कब होगा ये त्योहार।

तेरी आँचल से छुपा लूँ अपने दामन को,
तेरी खुशबू से महका लूँ अपनी साँसों को,
कशिश है तुम्हारे आने की बस एक बार,
तेरी नींदों से जगा लूँ अपने ख्वाबों को।

©नीतिश तिवारी।

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