Shah Rukh Khan came to my village | शाहरुख खान मेरे गाँव आये थे!
शाम के 4 बज रहे थे और शहर से लौटकर मैं गाँव पहुँचता हूँ तो दूर से ही कुछ लोगों की भीड़ दिखाई देती है। फिर दस साल का चिंटू दौड़ते हुए मेरी तरफ आता है। बोला, "नीतिश भईया" मैंने कहा "हाँ चिंटू तू दौड़ क्यों रहा है और ये भीड़ कैसी है?" "अरे भईया आपको पता नहीं शाहरुख खान आये हैं।" चिंटू ने बड़ी उत्सुकता से कहा।
मुझे तो जैसे यकीन ही नहीं हो रहा था। मैं भी पहुँच गया । मेरे पहुंचते ही वहाँ मौजूद गाँव के सभी लोग ताली बजाने लगे जैसे सुपरस्टार मैं ही हूँ। एक ने शाहरुख से कहा, "ये लीजिये सर आ गया आपका सबसे बड़ा फैन। " शाहरुख ने मेरी ओर देखा और बुलाया। मैंने भी अभिवादन में उन्हें नमस्ते किया। फिर उनकी पास वाली कुर्सी पर बैठ गया। "तो तुम हो नीतिश, मेरे सबसे बड़े फैन" । "हाँ सर ऐसा ही कुछ समझ लीजिए, मैंने तो आपको पत्र भी लिखा था और कई बार ट्वीट भी किया लेकिन आपने जवाब भी नहीं दिया"
फिर शाहरुख ने बड़े आश्चर्यजनक रूप से मेरी ओर देखा और बोला, "क्या था उस पत्र में?"
"कुछ खास नहीं सर आपके लिए प्यार"
"सर यूँ अचानक से मेरे गाँव में" मैंने पूछा।
"नहीं तो क्या ट्वीट करके आता! एक बार गया था ट्वीट करके मुंबई से दिल्ली ट्रेन से, बहुत बवाल हो गया था। और वैसे भी तेरे शहर में 15 दिन से शूटिंग चल रही है, तुम्हे पता नहीं।"
"नहीं सर, पता तो है, एक बार आपसे मिलने की कोशिश भी किया था लेकिन आपके सेक्युरिटी वालों ने होटल में जाने नहीं दिया।"
थोड़ी देर तक यूँ ही बाते होती रहीं ।
मैंने अपना लेटर शाहरुख सर को दिया। उनके साथ सेल्फी लिया। इतने में उनके टीम के बाकी लोग गाँव से शूटिंग के लिए लोकेशन देख कर आ गए थे। शाहरुख खान अपने होटल जाने लगे तो उन्होंने मुझे गले लगाने के लिए पास बुलाया । जैसे ही मैं गले लगने जा रहा था, एक जोर का झटका लगा। ट्रेन के ड्राइवर ने जोर से ब्रेक लगाई थी। ऊपर वाली बर्थ पर नींद में जो सपना देख रहा था वो टूट चुका था। घड़ी में समय देखा तो सुबह के 4 बज रहे थे। मतलब अभी गाँव पहुंचने में 1 घंटा और बाकी था। मैंने बैग में से बोतल निकाला, पानी पिया और कंबल ओढ़कर सो गया।
Read this too : My Letter for Shah Rukh Khan.
©नीतिश तिवारी।
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19 Comments
बढ़िया स्वप्न था जनाब! ईश्वर करे आपका स्वप्न साकार हो
ReplyDeleteमंगलकामनाएं ❤️
आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद।
DeleteEk din pura hoga aapka ye sapna
ReplyDeleteधन्यवाद अतुल
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19-03-2019) को "मन के मृदु उद्गार" (चर्चा अंक-3279) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार सर।
DeleteSweet Dreams
ReplyDeleteThanks a lot for reading.
Deleteप्यारी कहानी!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteगजब
ReplyDeleteशुक्रिया।
Deleteआपका स्वप्न मस्त है ...
ReplyDeleteकाश पूरा ही ...
शुक्रिया सर। प्रभु की कृपा से जरूर पूरा होगा एक दिन।
DeleteVery good writing style
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत सपना
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
DeleteJarur Pura hoga janab. Bus aise hi likhte rahiye
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।