उसके दर पर खड़ा हूँ, उसे खबर तो हो,
कभी उसके भी दिल में मेरा बसर तो हो,
वो होठों से जाम नहीं इश्क़ छलकाती है,
जरा सा ये इश्क़ मुझे भी मयस्सर तो हो।
Uske dar par khada hoon, use khabar toh ho,
Kabhi uske bhi dil mein mera basar toh ho,
Wo hothon se jaam nahin ishq chhalkati hai,
Jara sa ye ishq mujhe bhi mayassar to ho.
©नीतिश तिवारी।
3 Comments
रचना शामिल करने के लिए आपका धन्यवाद।
ReplyDeleteवाह वाह
ReplyDeleteaapka dhnywaad
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।