आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (04-10-2019) को "नन्हा-सा पौधा तुलसी का" (चर्चा अंक- 3478) पर भी होगी। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
10 Comments
हिंदी के इतने जानकर तो नहीं हूँ मैं।
ReplyDeleteमहबूब स्त्रीलिंग भी हो सकता है तो आप "आएगा" को "आएगी" लिख सकते हैं या नहीं।
पहले कन्फर्म कर लें।
सुंदर रचना।
महबूब स्त्री और पुरुष दोनों को कहा जाता है। अक्सर कविता , ग़ज़ल और शायरी में स्त्रीलिंग भी पुलिंग में ही लिखा जाता है।
Deleteबिलकुल नहीं होगा ऐसा ...
ReplyDeleteसब कुछ होगा ... बस समय और धरी होना जरूरी है ...
जी धन्यवाद।
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (04-10-2019) को "नन्हा-सा पौधा तुलसी का" (चर्चा अंक- 3478) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
रचना शामिल करने के लिए आपका धन्यवाद।
Deleteसब होगा ! श्रद्धा, लगन, विश्वास अटूट होना चाहिए
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने। धन्यवाद।
Deleteवाह! बहुत सुंदर।
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।