मेरे ख्वाब हक़ीक़त में बदल रहे थे,
कुछ लोग दूसरी तरफ चल रहे थे,
मेरी शायरी और गज़ल का असर देखिए,
वो मेरे हर्फ़ हर्फ़ से मचल रहे थे।
Mere khwab haqiqat mein badal rahe the,
Kuch log doosri taraf chal rahe the,
Meri shayari aur ghazal ka asar dekhiye,
Wo mere harf harf se machal rahe the .
©नीतिश तिवारी।
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