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मोहब्बत मेरी अधूरी है तो क्या, अभी खत्म तो नहीं हुई,
साँस बाकी है अभी उसमें, अभी वो दफ़्न तो नहीं हुई,
उसे पा ही लूँगा एक दिन इतना यकीन है मुझे,
अभी तो कुछ शब्द लिखे हैं, अभी ये गीत नज़्म तो नहीं हुई।
Mohabbat meri adhoori hai toh kya, abhi khatm to nahi huyi,
Saans baki hai abhi usmen, abhi wo dafn toh nahin huyi,
Use paa hi lunga ek din itna yakin hai mujhe,
Abhi toh kuch shabd likhe hain, abhi ye geet nazm toh nahin huyi.
©नीतिश तिवारी।
ye bhi dekhiye.
8 Comments
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (05-11-2019) को "रंज-ओ-ग़म अपना सुनाओगे कहाँ तक" (चर्चा अंक- 3510) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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दीपावली के पंच पर्वों की शृंखला में गोवर्धनपूजा की
हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
रचना शामिल करने के लिए आपका धन्यवाद।
Deleteबहुत खूब ... उन्हें पाना जिद्द है मेरी ... और मेरी जिद्द मेरी जिन्दगी है ...
ReplyDeleteसही कहा सर आपने। आभार ।
Deleteवाह! किसी को पाने की तमन्ना ऐसी ही होनी चाहिए।
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteवाह खूबसूरत ग़ज़ल "उसे पा ही लूंगा एक दिन"
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।