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2019 अब बस चंद दिनों का मेहमान है। एक और साल बीत गया । कहते हैं समय किसी के लिए नहीं रुकता, सच है , बिल्कुल सच है। जिस तरह से तुमने साथ छोड़ा अब साल खत्म होते ही पुरानी यादें ताज़ा हो रही हैं। कदम बहके ना थे, होश खोया ना था, फिर भी तेरे जाने के बाद मैं क्यों इतना रोया था। इंतज़ार की आरज़ू आज भी है। हो सके तो नए साल में मिलना। सदी के बीसवें बरस में एक दूजे के होने का इंतजार करेंगे। हम फिर से एक दूसरे से प्यार करेंगे।
©नीतिश तिवारी।
5 Comments
Bahut Khub!"Hum phir se Pyar Karenge.." Ati Priya Rachna..Manohari..Vijayi Bhav!!
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत सच्ची और अच्छी बात
ReplyDeleteधन्यवाद सर।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।