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कुछ बाकी है तो बोल दो,
दिल के दरवाजे खोल दो,
बाद में कुछ नहीं रह जाएगा,
पंछी पिंजरा से उड़ जाएगा।
सात सुरों की सरगम में से,
एक भी सुर ना लग पाएगा।
कुछ बाकी है तो बोल दो,
बातों में मिसरी घोल दो।
Ye bhi padhiye: अबके बरस तुम आना।
©नीतिश तिवारी।
4 Comments
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (03-01-2020) को "शब्द ऊर्जा हैं " (35 69 ) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर
आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
"मीना भारद्वाज"
मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
Deleteवाहः खूब
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।