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आज इस ब्लॉग की सातवीं वर्षगाँठ के साथ साथ नया साल भी है। पिछला वर्ष इस ब्लॉग के लिए बहुत अच्छा रहा। मैंने ज्यादा से ज्यादा रचनाएँ लिखने की कोशिश की। इस वर्ष भी प्रयास रहेगा कि बेहतर रचनाओं के साथ आप सभी से संवाद कर सकूँ।
इस वर्ष मैंने अपनी एक किताब "फिर तेरी याद आई" भी प्रकाशित की।
आप इस लिंक पर क्लिक करके किताब खरीद सकते हैं।
फिर तेरी याद आई
नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ ये रचना।
इस वर्ष मैंने अपनी एक किताब "फिर तेरी याद आई" भी प्रकाशित की।
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फिर तेरी याद आई
नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ ये रचना।
मैं चुप हूँ,
खामोश हूँ,
पर नाराज़ नहीं हूँ,
मैं कल भी था,
कल भी रहूँगा,
पर आज नहीं हूँ।
धड़कन हूँ,
संगीत हूँ,
पर दिल का
साज़ नहीं हूँ।
धरना हूँ
प्रदर्शन हूँ
पर सच्ची
आवाज़ नहीं हूँ।
बंजारा हूँ,
आवारा हूँ
पर परवाज़
नहीं हूँ।
मैं चुप हूँ,
खामोश हूँ,
पर नाराज़ नहीं हूँ,
©नीतिश तिवारी।
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4 Comments
बहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteनववर्ष मंगलमय हो आपका!
आपका धन्यवाद।
Deleteबहुत बढ़िया । ये सफर बढ़ता रहे
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।