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मोहब्बत ऐसी की शहद को शराब कर दिया,
बचपन में तो अच्छे थे, जवानी ने खराब कर दिया,
तुम बार बार मुझसे इश्क़ करने को कहते हो,
एक ही लड़की ने बुढ़ापे तक का हिसाब कर दिया।
Mohabbat aisi ki shahad ko sharaab kar diya,
Bachpan mein to achhe the, jawani ne kharaab kar diya,
Tum baar baar mujhse ishq karne ko kahte ho,
Ek hi ladki ne budhape tak ka hisaab kar diya.
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©नीतिश तिवारी।
8 Comments
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (15-04-2020) को "मुस्लिम समाज को सकारात्मक सोच की आवश्यकता" ( चर्चा अंक-3672) पर भी होगी। --
ReplyDeleteसूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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कोरोना को घर में लॉकडाउन होकर ही हराया जा सकता है इसलिए आप सब लोग अपने और अपनों के लिए घर में ही रहें।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
रचना शामिल करने के लिए शुक्रिया।
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteसुभान अल्लाह!! वाह!!!!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Delete"एक ही लड़की ने बुढ़ापे तक का हिसाब कर दिया"
ReplyDeleteबहुत खुब लिखा है आपने...
बहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।