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बिछड़ गए तुमसे तो क्या, फिर भी हम तुम्हारे रहेंगे,
तमाशा देखने वालों की नज़र में सिर्फ एक नज़ारे रहेंगे,
किसी और की इफ्तारी में जाकर तुमने अपना चाँद बदल लिया,
ईद पर मिलना हमसे, तुम्हारे ही चाँद के बगल में एक सितारे रहेंगे।
Bichhad gaye tumse toh kya, phir bhi hum tumhare rahenge,
Tamasha dekhne walon ki nazar mein sirf ek nazare rahenge,
Kisi aur ki iftaari mein jakar tumne apna chand badal liya,
Eid par milna humse, tumhare hi chand ke bagal mein ek sitare rahenge.
©नीतिश तिवारी।
6 Comments
बहुत खूब वन-वे ट्रैफिक।
ReplyDeleteआभार।
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26 -5 -2020 ) को "कहो मुबारक ईद" (चर्चा अंक 3713) पर भी होगी, आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
Deleteवाह !
ReplyDeleteआभार।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।