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हमसे किया है
हमीं पर आज़माना
मोहब्बत की बातें
किसी और को ना बताना।
चंदा सूरज सब
नाराज़ हो जाएंगे
जब मैं कहूँ तब ही
अपना घूँघट उठाना।
शर्म हया सब तुम्हारे
ही तो गहने हैं
किसी गैर के सामने
यूँ बेवजह ना आना।
मेरे दिल की धड़कन
अब गवाही देती है
वक़्त रहते तुम
सिर्फ मेरा हो जाना।
©नीतिश तिवारी।
14 Comments
बढ़िया
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteवाह वाह
ReplyDeleteआपका शुक्रिया।
Deleteसादर नमस्कार,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा मंगलवार (09-06-2020) को
"राख में दबी हुई, हमारे दिल की आग है।।" (चर्चा अंक-3727) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है ।
…
"मीना भारद्वाज"
बहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteप्रेम पगी सुन्दर रचना।
ReplyDeleteआपका शुक्रिया।
Deleteसुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteबहुत ही सुंदर सृजन हृदय स्पर्शी.
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteअति सुंदर 💐💐
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।