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Two line shayari
बेवफ़ाई उसकी बड़ी थी इश्क़ मेरा बौना हो गया,
इस तरह खेला उसने कि दिल मेरा खिलौना हो गया।
Bewfai uski badi thi ishq mera bauna ho gaya,
Iss tarah khela usne ki dil mera khilauna ho gaya .
कभी अपनी तक़दीर को कोसते फिर उसकी तस्वीर को देखते,
ऐ इश्क़ तेरे ख़ातिर हमने क्या क्या नहीं देखा।
Kabhi apni taqdeer ko koste phir uski tasveer ko dekhte,
Aie ishq tere khatir humne kya kya nahi dekha.
©नीतिश तिवारी।
9 Comments
वियोग श्रंगार के सुन्दर अशआर।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद सर।
Deleteरचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteउम्दा सृजन
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteशुक्रिया।
Deleteमर्मस्पर्शी सृजन ।
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।