सो जाओ और तुम ख़्वाब देखो,
नींद में भी खिलता गुलाब देखो,
मोहब्बत का मंजर बदल गया तो क्या,
वक़्त आने दो और वक़्त का हिसाब देखो।
So jao aur tum khwab dekho,
Neend mein bhi khilta gulab dekho,
Mohabbat ka manjar badal gaya toh kya,
Waqt aane do aur waqt ka hisaab dekho.
©नीतिश तिवारी।
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@poetnitish
4 Comments
वक्त बदलने का ही इन्तजार है
ReplyDeleteजी, बिल्कुल सही कहा आपने।
Deleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteअच्छा समय बस आने ही वाला है।
धन्यवाद सर।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।