अतीत के जख्म,
भविष्य के सुनहरे ख़्वाब,
ज़िन्दगी में हैं कई सवाल,
जिसके ढूँढने हैं हमें जवाब।
उम्र लंबी होती जा रही,
परछाईं छोटे हो रहे हैं,
सौतेला व्यवहार है ये किसका,
अपने दूर हो रहे हैं।
©नीतिश तिवारी।
अतीत के जख्म,
भविष्य के सुनहरे ख़्वाब,
ज़िन्दगी में हैं कई सवाल,
जिसके ढूँढने हैं हमें जवाब।
उम्र लंबी होती जा रही,
परछाईं छोटे हो रहे हैं,
सौतेला व्यवहार है ये किसका,
अपने दूर हो रहे हैं।
©नीतिश तिवारी।
4 Comments
बहुत सुन्दर प्रशनवाचक रचना।
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।