तुम्हारे श्रृंगार के ओज ने
मेरे अस्तित्व को
धूमिल कर दिया।
प्रेम के सागर में डूबने
की तमन्ना थी मेरी
तुमने तो मुझे साहिल कर दिया।
Tumhare shringaar ke ooj ne
Mere astitwa ko
Dhoomil kar diya.
Prem ke sagar mein doobne
Ki tamanna thi meri
Tumne toh mujhe shahil kar diya.
©नीतिश तिवारी।
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4 Comments
सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद सर।
Deleteसुन्दर क्षणिका।
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।