Main Parinde Ki Tarah Parvaz Karunga | मैं परिंदे की तरह परवाज़ करूँगा।
तुम कितना भी चला लो खंज़र,
एक दिन आएगा वो मंज़र,
कोई भी शख्स मुझसे अनजान ना होगा,
जब सारी दुनिया में मेरा नाम होगा।
दौलत शोहरत की कमी ना रहेगी,
दिल से अपनी बात कहूँगा,
लोगों के दिलों पर राज करूँगा,
मैं परिंदे की तरह परवाज़ करूँगा।
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©नीतिश तिवारी।
2 Comments
कम शब्दो में बहुत ही सुंदर सपना है ये।
ReplyDeleteधन्यवाद!
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