Mere sukh ke kitne sathi | मेरे सुख के कितने साथी।
मेरे सुख के कितने साथी,
दुख तो जैसे बिना दीये की बाती,
चंचल मन बस यही है कहता,
खिड़की से रौशनी क्यों नहीं आती।
पल भर साथ निभाने वाले,
मुझको नादान बताने वाले,
मुझ पर ये आक्षेप ना लगाओ,
लहर देखकर डर जाने वाले।
Mere sukh ke kitne sathi,
Dukh toh jaise bina diye ki baati,
Chanchal man bas yahi hai kahta,
Khidki se raushni kyun nahin aati.
Pal bhar saath nibhane wale,
Mujhko naadan batane wale,
Mujh par ye aakshep na lagao,
Lahar dekhkar dar jane wale.
©नीतिश तिवारी।
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