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अभी क्या है ना कि ख्वाब इतने बड़े हो गए हैं कि उन्हें पूरा करने की चाहत तो परवान चढ़ती ही जा रही है, मसला ये भी है कि उन ख़्वाबों को संभालने में भी अलग मशक्कत करनी पड़ रही है।
कभी-कभी मन करता है कि रहने दो यार, इतना क्या ही परेशान होना। दाल रोटी तो चल ही रही है ना। पहनने को कपड़े और रहने को छत तो है ही ना। फिर सोचता हूँ कि क्या यही जीवन का मकसद है? आये, गुजारा किये और चले गए? जब एक दिन जाना ही है तो क्यों ना कुछ ऐसा करके जाएँ जो अपने परिवार, समाज और देश के कुछ काम आ सके।
इन्हीं सभी जिम्मेदारियों को समझते हुए फिर मैं एक नया ख्वाब देखने लगता हूँ। सोंचने लगता हूँ कि कैसे अपने सपनों को पूरा करूँगा और जिन्दगी कितनी खूबसूरत होगी जब मेरे ख्वाब, मेरे अरमान, मेरी सारी हसरतें मुकम्मल हो जायेंगी।
अच्छा, बीच- बीच में दिल ये भी बताता रहता है कि तुम एक आम आदमी हो और आम आदमी की एक हद होती है। दिल कहता है कि अपनी औकात मत भूलो। समय-समय पर ठोकर भी मिलता है तब जाकर ये लगता है कि ये साला दिल तो सही कह रहा था। मुझे अपनी हद में ही रहना चाहिए। अपनी औकात नहीं भूलनी चाहिए।
लेकिन हर बार दिल की सुनता कौन है? दिल की हर एक बात मान लेनी होती तो भगवान ने दिमाग ना बनाया होता। और दिमाग तो कहता है कि उड़ो, तुम्हारे पंख नहीं हैं फिर भी अपने सपनों की उड़ान भरो। पंख बनाकर या बिना पंख के। और फिर मैं दिमाग की सुन लेता हूँ। अपने सपनों को पूरा करने के लिए उड़ने लगता हूँ, लेकिन जमीन पर मौजूद रहकर।
क्या आप भी ऐसा करते हैं? क्या आप भी ऐसा सोचते हैं? कमेंट में जरूर बताएँ।
©नीतिश तिवारी।
8 Comments
सुन्दर रचना
ReplyDeleteआभार।
Deleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२२-०१ -२०२२ ) को
'वक्त बदलते हैं , हालात बदलते हैं !'(चर्चा अंक-४३१३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteजी बिल्कुल ऐसा सब लोग सोचते हैंऔर सबके साथ ऐसा होता है पर कुछ लोग हार मान कर बैठ जाते हैं और कुछ लोग लगे रहते हैं अंत तक उनका सिर्फ एक ही मकसद रहता है कोशिश करते रहना है! लेकिन कोशिश तब तक करनी चाहिए जब तक उसका परिणाम थोड़ा ही बेहतर मिले पिछले परिणाम से, ना कि परिणाम पिछले परिणाम से बहुत ही घटिया हो ऐसी स्थिति में कोशिशें करना सिर्फ वक्त की बर्बादी है!
ReplyDeleteबेहतरीन सृजन
बिल्कुल सही कहा आपने। पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद।
Deleteउम्दा अभिव्यक्ति आदरणीय ।
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।