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अब तेरे आने की खुशी नहीं होती,
तेरे जाने का दुख तो क्या ही होगा,
मोहब्बत जिसे कहती है ये तमाम दुनिया,
तुझसे मिलने के बाद उसे खुदगर्ज़ी कहना होगा।
Ab tere aane ki khushi nahi hoti,
Tere jane ka dukh toh kya hi hoga,
Mohabbat jise kahti hai ye tamaam duniya,
Tujhse milne ke baad use khudgarzi kahna hoga.
मैं भूल गया था फूलों और काँटों में फर्क करना,
तेरे होने का एहसास तो कभी नहीं चुभता था,
आज आईना देखा तो पता चला हम बर्बाद हो गए,
कसूर तुम्हारा नहीं इश्क़ करने का फैसला मेरा खुद का था।
Main bhul gaya tha phoolon aur kanton mein fark karna,
Tere hone ka ehsaas toh kabhi nahi chubhta tha,
Aaj aaiyna dekha toh pata chala hum barbad ho gaye,
Kasoor tumhara nahi, ishq karne ka faisla mera khud ka tha.
©नीतिश तिवारी।
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