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मेरी तन्हाई का जश्न वही मना रहे हैं,
जो मुझे कभी तन्हा छोड़ गए थे,
आज क़ामयाब हूँ तो मेरा साथ चाहिए उनको,
एक वक्त था जब वो मुझसे मुँह मोड़ गए थे।
Meri tanhai ka jashn wahi mana rahe hain,
Jo mujhe kabhi tanha chhod gaye the,
Aaj qamyaab hoon toh mera saath chahiye unko,
Ek waqt tha jab woh mujhse muh mod gaye the.
©नीतिश तिवारी।
Good collection of motivational books.
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