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जिसके प्रेम से मैं आच्छादित हुआ,
जिसका प्रेम पूर्णतः मर्यादित था,
उसी के प्रार्थना का परिणाम हो तुम,
मेरे प्रेम का पूर्ण विराम हो तुम।
Jiske prem se main achchhadit hua,
Jiska prem poornatah maryadit tha,
Usi ke prarthna ka parinaam ho tum,
Mere prem ka poorn viraam ho tum.
©नीतिश तिवारी।
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