ये जो मेरा दुख है वो सिर्फ़ तेरा हमसाया है,
और इन्हीं के साथ मैंने अपना वक़्त बिताया है,
मुमकिन ही नहीं तुझे अपने दिल से निकाल देना,
लाखों चेहरे देखे पर तुझ पर ही मेरा दिल आया है।
Ye jo mera dukh hai woh sirf tera humsaya hai,
Aur inhi ke saath maine apna waqt bitaya hai,
Mumkin hi nahi tumhe apne dil se nikal dena,
Lakhon chehre dekhe par tujh par hi mera dil aaya hai.
उस राह में मंज़िल नहीं थी,
मैं भटका था सिर्फ़ तेरे लिए,
चलते चलते मुसाफ़िर हो गया,
तेरा साया भी कहीं ना दिखा।
Uss raah mein manzil nahi thi,
Main bhatka tha sirf tere liye,
Chalte chalte musafir ho gaya,
Tera saya bhi kahi naa dikha.
©नीतिश तिवारी।
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