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Main tujh bin ji na sakunga | मैं तुझ बिन जी ना सकूँगा।

Main tujh bin ji na sakunga
Pic credit: unsplash.











ये कैसा दौर है

कि तुम पास भी नहीं

और मुझमें साँस भी नहीं


तुम्हारी गैरमौजूदगी में

तड़प ने अपनी घुटन

की ज़ंजीर से मुझे

कैद करके रखा है


अब से पहले कभी

इतना तन्हा तो 

ना हुआ था

मेरी जान, ख़ुद को

वक़्त दो, मुझे वक़्त दो


इससे पहले कि

तन्हाई की दीवार

इतनी लंबी हो जाए

कि उसमें मेरे और

तुम्हारे अरमानों का

क़त्ल हो जाये


तुम वापस आ जाओ

मैं ये सब देख ना सकूँगा

मैं तुझ बिन जी ना सकूँगा


©नीतिश तिवारी।


 

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8 Comments

  1. इससे पहले कि

    तन्हाई की दीवार

    इतनी लंबी हो जाए

    कि उसमें मेरे और

    तुम्हारे अरमानों का

    क़त्ल हो जाये
    वक्त लो पर वक्त रहते तोड़ डालो ये तन्हाई की दीवार ।
    बहुत सुन्दर सृजन।

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  2. काश कि वक्त रहते वो सुन लेता... तड़प को।

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  3. बहुत बढियां सृजन

    ReplyDelete

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