वही तारीख़
वही समय
वही पल
आज फिर आया है।
जब तुम बिछड़े थे
जब मैं तड़पा था
सब साँसे रुकी थी
जब रूह काँपी थी।
वही तारीख़
वही समय
वही पल
आज फिर आया है।
जब धरती बंजर थी
जब समंदर सूखी थी
जब बादल काले थे
तुम छोड़कर जाने वाले थे।
©नीतिश तिवारी।
ये भी देखिए:
वही तारीख़
वही समय
वही पल
आज फिर आया है।
जब तुम बिछड़े थे
जब मैं तड़पा था
सब साँसे रुकी थी
जब रूह काँपी थी।
वही तारीख़
वही समय
वही पल
आज फिर आया है।
जब धरती बंजर थी
जब समंदर सूखी थी
जब बादल काले थे
तुम छोड़कर जाने वाले थे।
©नीतिश तिवारी।
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3 Comments
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण भावाभिव्यक्ति
ReplyDeleteवाह!!!
ReplyDeleteआपका धन्यवाद
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।