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फिसल कर गिरे और गिरकर सम्भल गए,
हम अपने झोपड़ी और वो अपने महल गए।
अरसे बाद बर्बादियों का हुजूम आनेवाला था,
देखने की हिम्मत ना थी, वो वहाँ से निकल गए।
Phisal kar gire aur girkar sambhal gaye,
Hum apne jhopadi aur woh apne mahal gaye,
Arse baad barbadion ka hujoom aanewala tha,
Dekhne ki himmat na thi, woh wahan se nikal gaye.
अपने सपनों को ज़िन्दा रहने देना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर सपने मर गए तो जीवन का मकसद ही खत्म हो जाता है।
Apne sapno ko zinda rahne dena bahut jaruri hai kyunki agar sapne mar gaye to jeewan ka maksad hi khatm ho jata hai.
©नीतिश तिवारी।
2 Comments
बेहतरीन
ReplyDeleteआपका धन्यवाद!
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।