गँवा तो दी तुमने मेरी बेशकीमती मोहब्बत,
फिर ना कहना कि हमें आशिक़ी नहीं आती।
बिना ख़्वाहिश के जो मिलती है दौलत,
बेवफाओं के हिस्से वो कभी नहीं आती।
बहते दरिया, तकते आसमाँ सबको राज़ी किया था,
तेरी शातिर फ़ितरत ने सबको सबक सिखा दिया।
दुनियावलों मोहब्बत करना तो सिर्फ़ खुद से करना,
अपना कहलाने वालों ने तो सिर्फ़ धोखा ही दिया।
कड़वी ज़ुबान
बेपरवाह बातें
और इतनी धूर्तता
नफ़रत के बाज़ार से
उसने सब कुछ खरीद लिया
हम ठहरे मोहब्बत के सौदागर
बिना कुछ माँगे सबका दिल जीत लिया
Ganwa toh di tumne meri beshkimati mohabbat,
Phir na kahna ki humen ashiqi nahi aati.
Bina khwahish ke jo milati hai daulat,
Bewafaon ke hisse woh kabhi nahi aati.
Bahte dariya, takte aasman, sabko razi kiya tha,
Teri shatir fitrat ne sabko sabak sikha diya.
Duniyawaon mohabbat karna toh sirf khud se karna,
Apna kahlane walo ne toh sirf dhokha hi diya.
Kadwi zuban
Beparwah baate
Aur itni dhoortata
Nafrat ke baazar se
Usne sab kuch khareed liya
Hum thare mohbbat ke saudagar
Bina kuch maange sabka dil jeet liya
©नीतिश तिवारी।
2 Comments
वाह नीतिश जी...क्या खूब कहा कि ..''नफ़रत के बाज़ार से
ReplyDeleteउसने सब कुछ खरीद लिया
हम ठहरे मोहब्बत के सौदागर
बिना कुछ माँगे सबका दिल जीत लिया''
बहुत बहुत धन्यवाद!
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।