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उसी जगह मेरी हस्ती का दायरा सिमट गया,
जहाँ उसने मेरी कागज़ के नाव को पलट दिया,
बेवफ़ाई की चाशनी से प्यार का स्वाद बिगड़ गया,
मेरी मोहब्बत में भी उसने सिर्फ़ मिलावट किया।
Usi jagah meri hasti ka dayara simat gaya,
Jahan usne meri jahaz k naaw ko palat diya,
Bewafai ki chashani se pyaar ka swad bigad gaya,
Meri mohabbat mein bhi usne sirf milawat kiya.
©नीतिश तिवारी।
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