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Toh hum ishq karte | तो हम इश्क़ करते।
कर तो दिया है मैंने तेरा सजदा,
फिर भी क्यों हो रहे हो मुझसे जुदा,
अरमाँ जगाए, मदहोश किया और फिर गायब,
कितनी अच्छी है ना ये बेवफ़ाई वाली अदा।
Kar toh diya hai maine tera sajda,
Phir bhi kyun ho rahe mujhse juda,
Arman jagaye, madhosh kiya aur phir gayab,
Kitani achhi hai na ye bewafai wali ada.
तुमने मन बना लिया था,
मैंने खुद को समझा लिया था,
कागज़ के नाव को तो डूबना ही था,
पानी ने सबक सीखा दिया था।
Tumane man bana liya tha,
Maine khud ko samjha liya tha,
Kagaz ke naav ko toh doobna hi tha,
Pani ne sabak seekha diya tha.
कल आसमाँ ने खिड़की से चाँद भेजा था,
और दरवाजे पर सूरज पहले से मौजूद था,
अब आप कहेंगे चाँद और सूरज एक साथ कैसे,
अरे यही तो हम दोनों का नसीब था।
Kal aasaman ne khidki se chand bheja tha,
Aur darwaje par sooraj pahle se maujood tha,
Ab aap kahenge chand aur sooraj ek saath kaise,
Are yahi toh hum dono ka naseeb tha.
ना सताते उम्र भर, तो हम इश्क़ करते,
ना रुलाते उम्र भर, तो हम इश्क़ करते,
साक़ी के जाम ने राह में मदहोश कर दिया,
तेरे दर तक पहुँच जाते, तो हम इश्क़ करते।
Na satate umar bhar, toh hum ishq karte,
Na rulate umar bhar, toh hum ishq karte,
Saqi ke jaam ne raah mein madhosh kar diya,
Tere dar tak pahunch jate, toh hum ishq karte.
©नीतिश तिवारी।
8 Comments
वाह।
ReplyDeleteआपका धन्यवाद!
Deleteकल आसमाँ ने खिड़की से चाँद भेजा था,
ReplyDeleteऔर दरवाजे पर सूरज पहले से मौजूद था,
अब आप कहेंगे चाँद और सूरज एक साथ कैसे,
अरे यही तो हम दोनों का नसीब था।
ना सताते उम्र भर, तो हम इश्क़ करते,
ना रुलाते उम्र भर, तो हम इश्क़ करते,
साक़ी के जाम ने राह में मदहोश कर दिया,
तेरे दर तक पहुँच जाते, तो हम इश्क़ करते।
मस्त ! मस्त ! बहुत सुन्दर ! भावपूर्ण !
बहुत बहुत धन्यवाद!
Deleteबहुत ही सुन्दर,एक-एक शब्द अपने आप में मोती सा जड़ा हुआ,हृदय स्पर्शी रचना
ReplyDeleteआपका धन्यवाद!
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteआपका शुक्रिया।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।