पुरुष के प्रताड़ना
की बातें कभी नहीं होती
क्योंकि उसे मिला दर्द
भावनात्मक ज्यादा होता है।
ऐ पुरुष तुम
लिखना अपना भाग्य
और तुम बनना इतना
मजबूत कि
अपनी पसंदीदा स्त्री
के सारे अरमानों को
पूरा कर सको।
पुरुष कठोर होते हैं
इसलिए उनके आँसू बर्फ़
बन जाते हैं
स्त्री कोमल होती है
इसलिए उनके आँसू
झरने की तरह बह जाते हैं।
©नीतिश तिवारी।
10 Comments
सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद सर।
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद!
Deleteवाह! बहुत सुंदर कहा
ReplyDeleteआपका धन्यवाद!
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteआपका धन्यवाद!
Deleteबहुत अच्छी और प्रभावी रचना
ReplyDeleteबधाई
आपका धन्यवाद!
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।