कल साँसों को फ़िक्र
हो रही थी तुम्हारी
आज धड़कनों ने
ये पैगाम भेजा है
शहर से मुझे हमेशा
शिकायत रही है
गाँव से माँ ने इस
बार आम भेजा है
©नीतिश तिवारी।
कल साँसों को फ़िक्र
हो रही थी तुम्हारी
आज धड़कनों ने
ये पैगाम भेजा है
शहर से मुझे हमेशा
शिकायत रही है
गाँव से माँ ने इस
बार आम भेजा है
©नीतिश तिवारी।
2 Comments
बहुत सुंदर ह्रदय स्पर्शी,माँ की ममता को सुंदर शब्द रचना दी है आपने, आदरणीय शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteआपका धन्यवाद!
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।