मैं इश्क़ की पाँचवी किताब लिख दूँ,
तुम जरा पन्ने तो पलट देना।
मैं उसमें तुझको गुलाब कह दूँ,
तुम जरा सा महक तो लेना।
तुझसे मिलने को मैं ख़्वाब कह दूँ,
तुम जरा सँवर तो लेना।
©नीतिश तिवारी।
मैं इश्क़ की पाँचवी किताब लिख दूँ,
तुम जरा पन्ने तो पलट देना।
मैं उसमें तुझको गुलाब कह दूँ,
तुम जरा सा महक तो लेना।
तुझसे मिलने को मैं ख़्वाब कह दूँ,
तुम जरा सँवर तो लेना।
©नीतिश तिवारी।
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