Latest Dard bhari bewafa shayari
जिसे दुआओं में मांगते रहे रात-दिन,
आज वो गैरों के साथ है मेरे बिन।
किस्मत ने रच दी बेवफ़ाई की साज़िश,
वफ़ा के बदले मिला हमें तजुर्बा संगीन।
वो बात-बात पर वफ़ाओं की कसमें खाते थे,
हमसे नजरें मिलाकर झूठे अफसाने सुनाते थे।
आज हकीकत ने चेहरा दिखा दिया उनका,
जो हमारे साथ थे, वही गैरों के साथ मुस्कुराते थे।
मैं तुझे तेरी तन्हाई का सौगात दूँगा,
हर आँसू में तेरे अपने जज़्बात दूँगा।
जो टूटे हैं ख्वाब, उन्हें जोड़ लाऊँगा,
और हर ग़म को तेरे कुछ लम्हात दूँगा।
©नीतिश तिवारी।
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